मथुरा की जिला अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मसले पर सुनवाई अगले 10 दिसंबर तक टाल दी है। कोर्ट की तरफ से जारी नोटिस का जवाब दाखिल करने के लिए ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह कमेटी, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ ने समय मांगा था। दरअसल, जिला जज मथुरा की कोर्ट ने श्रीकृष्ण विराजमान समेत 8 याचिकाकर्ताओं की अर्जी को सुनवाई के लिए स्वीकार किया है। मथुरा की कोर्ट ने पक्षकारों को नोटिस जारी किया था, जिनको नोटिस जारी किया गया है, उनमें सुन्नी वक्फ बोर्ड, ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट शामिल हैं। याचिका में सिविल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
इससे पहले सिविल कोर्ट ने भगवान की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि विश्व में भगवान कृष्ण के असंख्य भक्त हैं। हर श्रद्धालु याचिका करने लगे तो न्याय व्यवस्था चरमरा जाएगी। रामलला विराजमान के बाद अब श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से भी मथुरा की अदालत में एक सिविल मुकदमा दायर किया गया है। इसमें 13.37 एकड़ की कृष्ण जन्मभूमि भूमि का स्वामित्व मांगा है और शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। ये वाद भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर के रूप में जो अगली मित्र, रंजना अग्निहोत्री और 6 अन्य भक्तों ने दाखिल किया है।
श्रीकृष्ण जन्म भूमि मामले में श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति आंदोलन समिति की तरफ से एडवोकेट महेंद्र पाल सिंह के तरफ से भी वाद दायर है, जिसपर अभी निचली अदालत में सुनवाई चल रही है। जानकारी के मुताबिक इस मुद्दे पर अदालत में एक दर्जन के करीब मामले विचारधीन है। जिनपर सुनवाई चल रही है।
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