अफगानिस्तान केे राजदूत नजीबुल्लाह अलीखिल और उनकी घायल बेटी सिलसिला अलीखिल
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच राजनयिक संकट गहरा गया है। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान में अपने राजदूत की बेटी के अपहरण और प्रताड़ना के बाद इस्लामाबाद से अपने राजदूत सभी कर्मचारियों को वापस बुला लिया है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान सरकार के इस फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और अफसोसजनक’ बताते हुए काबुल से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। पाकिस्तान द्वारा तालिबान को समर्थन को लेकर दोनों देशों के बीच जारी जुबानी जंग के बीच यह घटना हुई है।
दरअसल, 16 जुलाई को इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के राजदूत नजीबुल्लाह अलीखिल की 26 वर्षीया बेटी सिलसिला अलीखिल का अज्ञात लोगों ने अपहरण कर उसके साथ मारपीट की और प्रताडि़त किया। कई घंटे तक बंधक बनाकर रखने के बाद सिलसिला को छोड़ा गया। वह इस्लामाबाद के एफ-9 पार्क क्षेत्र में पाई गई। उनके शरीर पर चोट के निशान थे। पुलिस को दिए बयान में सिलसिला ने कहा कि वह उपहार खरीदने के लिए किराये की टैक्सी से गई थी। लौटते समय पांच मिनट चलने के बाद टैक्सी चालक ने सड़क किनारे गाड़ी रोक दी। उसी समय एक व्यक्ति वहां आया और उन पर चिल्लाने लगा तथा उसके बाद उसने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। बकौल सिलसिला, इससे डर कर वह बेहोश हो गई। होश आने पर उन्होंने खुद को एक गंदी सी जगह पर पाया। इसके बाद उन्होंने पास के एक पार्क में जाने के लिए टैक्सी की और वहां से अपने पिता के सहयोगी को फोन किया, जो उन्हें घर ले गए। अफगानिस्तान ने बयान जारी कर पाकिस्तान से अपराधियों की जल्द से जल्द पहचान कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने को कहा था।
अफगानिस्तान की आत्मा पर चोट
इस घटना के बाद अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘पाकिस्तान में अफगान राजदूत की बेटी के अपहरण के बाद अफगानिस्तान इस्लामी गणराज्य के नेतृत्व ने अपने राजदूत और वरिष्ठ राजनयिकों को तब तक के लिए वापस बुला लिया है, जब तक कि अपहरण के दोषियों की गिरफ्तारी और उन पर मुकदमा चलाने सहित सभी सुरक्षा खतरों का समाधान नहीं किया जाता है।’ साथ ही, कहा कि जल्द ही एक अफगान प्रतिनिधिमंडल इस मामले में और इससे जुड़े मुद्दों के आकलन के लिए पाकिस्तान का दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल के निष्कर्षों के आधार पर ही अगला कदम उठाया जाएगा। अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला राष्ट्रपति अशरफ गनी ने किया था, क्योंकि राजदूत की बेटी के अपहरण ने हमारे देश की आत्मा को चोट पहुंचाया है। सालेह ने एक ट्वीट में कहा, ‘राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सभी वरिष्ठ राजनयिकों के साथ इस्लामाबाद से हमारे राजदूत को वापस बुलाने का निर्देश दिया है। अफगान राजदूत की बेटी के अपहरण और उसके बाद यातना ने हमारे देश के मानस को ठेस पहुंचाई है। हमारे राष्ट्रीय मानस को प्रताड़ित किया गया है।’
पाकिस्तान का अपहरण से इनकार
इस बीच, पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने जियो न्यूज चैनल से साक्षात्कार में कहा कि राजदूत की बेटी का अपहरण नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ‘बदनाम’ करने के लिए एक ‘अंतरराष्ट्रीय गिरोह’ ने इस घटना को अंजाम दिया है। साथ ही, कहा कि सिलसिला अपनी इच्छा से रावलपिंडी गई थीं। हमारे पास सीसीटीवी फुटेज हैं।’ हालांकि इससे पहले दिन में उन्होंने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि पुलिस ने अलीखिल के अनुरोध पर अपहरण और प्रताड़ना का मामला दर्ज कर जांच कर रही है। अपहरण से पहले सिलसिला को अलग-अलग जगहों पर ले जाने वाले टैक्सी चालकों से पूछताछ की गई है। असली अपहरणकर्ताओं को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री इमरान खान के निर्देश पर मामले पर शीर्ष स्तर पर नजर रखी जा रही है। पाकिस्तान के विदेश विभाग ने भी बयान में राजदूत, उनके परिवार और अफगानिस्तान के दूतावास व महावाणिज्य दूतावास के कर्मियों की सुरक्षा कड़ी करने की बात कही थी। पाकिस्तान के विदेश सचिव ने अफगान दूत से मुलाकात भी की थी और उन्हें राजनयिकों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए सहयोग का भरोसा दिया था। बयान में उम्मीद जताई गई थी कि अफगानिस्तान सरकार अपने इस फैसले पर फिर से विचार करेगी।
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