दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आईटी कानून-2021 का पालन नहीं करने पर ट्विटर इंक की खिंचाई की। साथ ही, कहा कि न्यायालय ट्विटर को कोई सुरक्षा नहीं दे रहा है। केंद्र उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। न्यायालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि अगर ट्विटर भारत में काम करना चाहता है, तो उसे इस कानून को मानना होगा।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल द्वारा यह बताने के बाद कि भारत सरकार ने सभी प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों (एसएसएमआई) को तीन महीने का समय दिया था। लेकिन बीते 42 दिनों में ट्विटर ने इस पर अमल नहीं किया है। इस पर न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने मामले की सुनवाई 8 जुलाई के लिए टालते हुए ट्विटर के वकील सीनियर साजन पूवैया से नए आईटी नियमों के अनुपालन पर ट्विटर से स्पष्ट रुख बताने को कहा।
अदालत ने ट्विटर इंक के वकील से न केवल शिकायत अधिकारी की नियुक्ति, बल्कि नए नियमों के तहत लंबित सभी पहलुओं पर स्पष्ट निर्देश लेने के लिए भी कहा। साथ ही, पीठ ने ट्विटर पर शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति में देरी पर भी नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने पूछा, "आपकी (ट्विटर की) प्रक्रिया में कितना समय लगता है? अगर ट्विटर को लगता है कि यह हमारे देश में जितना चाहे उतना समय ले सकता है, तो मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगी।"
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि नए आईटी नियमों के तहत शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति नहीं करके ट्विटर कानून की अवहेलना कर रहा है। इस बीच, ट्विटर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने सैन फ्रांसिस्को में ट्विटर इंक से स्पष्ट निर्देश लेने की कोशिश की, लेकिन समय क्षेत्र में अंतर के कारण वे संपर्क करने में असमर्थ रहे।
हाल ही में ट्विटर इंक ने अपने जवाब में अदालत को बताया था कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट के अंतरिम निवासी शिकायत अधिकारी ने 21 जून को इस्तीफा दे दिया और नए शिकायत अधिकारी की नियुक्ति अंतिम चरण में है। इसलिए भारतीय उपयोगकर्ताओं की शिकायतों को शिकायत अधिकारी द्वारा संबोधित किया जा रहा है।
एक दिन पहले अदालत में सोमवार को दाखिल हलफनामे में केंद्र ने कहा था कि ट्विटर इंक 1 जुलाई, 2021 तक आईटी नियम-2021 का पालन करने में विफल रहा है। इसने मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति नहीं किया है। निवासी शिकायत अधिकारी का पद रिक्त है। नोडल संपर्क व्यक्ति का पद (अंतरिम आधार पर भी) रिक्त है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 29 मई के अपने हलफनामे में कहा था कि ट्विटर ने यहां का जो पता दिखाया था, एक बार फिर वह इसकी वेबसाइट पर नहीं है।
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