जगनमोहन की सरकार एक तरफ ईसाई मिशनरियों को तुष्ट कर रही है तो दूसरी तरफ मुस्लिम वोट बैंक साधने की राजनीति भी जारी रख है। टीपू की मूर्ति लगाकर वह कडप्पा के मुसलमानों को खुश करना चाहती है
आंध्र प्रदेश में हिन्दुओं की बड़े पैमाने पर हत्या करने वाले टीपू सुल्तान की प्रतिमा लगाने जा रही है। इस निर्णय से उसने अपना हिन्दू विरोध एक बार फिर दर्शाया है। प्रदेश की जगन सरकार ने कडप्पा जिले में तानाशाह शासक टीपू सुल्तान की प्रतिमा लगाने की बात करके बेशक, एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने 18 जून को टीपू की प्रतिमा लगाने के विचार का विरोध करने वाले अनेक भाजपा नेताओं को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नेताओं में भाजपा के प्रदेश महासचिव विष्णुवर्धन रेड्डी भी हैं। प्रदेश सरकार की इस सोच और कार्रवाई के विरुद्ध भाजपा नेता, आंध्र प्रदेश के प्रभारी सुनील देवधर ने ट्वीट करके इसकी निंदा की है।
जगन की पार्टी वाईएसआरसीपी ने विरोध को नजरअंदाज करके प्रोद्दातुर में 18वीं शताब्दी के मैसूर के तानाशाह की मूर्ति स्थापना का काम जारी रखा है। भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार का यह कदम राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सकता है। सरकार को इसके बजाय शहर में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सेकुलर राजनीतिक दल टीपू को बड़ा सेकुलर मानते हैं, लेकिन इतिहास बताता है कि कट्टर इस्लामी तानाशाह टीपू पर हजारों हिंदुओं की हत्या और मंदिरों को ध्वस्त करने के आरोप हैं। जगन की पार्टी के विधायक रचमल्लू शिवप्रसाद रेड्डी ने जनता से प्रोद्दातुर शहर में टीपू की मूर्ति लगाने का वादा किया है। बताया गया है कि स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उनके सामने यह मांग रखी थी। लेकिन मूर्ति की स्थापना पर उक्त विधायक के फैसले का कड़ा विरोध हुआ है। भाजपा नेताओं ने मूर्ति लगाने के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी है।
इस बीच, वाईएसआरसीपी ने विरोध को नजरअंदाज करके प्रोद्दातुर में 18 वीं शताब्दी के मैसूर के तानाशाह की मूर्ति की स्थापना का काम जारी रखा है। भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार का यह कदम राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सकता है। सरकार को इसके बजाय शहर में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। पता चला है कि स्थानीय व्यापारी और आम नागरिक समाज भी टीपू मूर्ति लगाने के खिलाफ है। एपी गोल्ड एंड डायमंड्स मर्चेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राममोहन ने कहा कि वे टीपू की मूर्ति के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर यह काम जारी रहता है तो वे अपनी शिकयत दर्ज कराएंगे।
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