उत्तर प्रदेश

मौलाना छांगुर का सहयोगी राजेश गिरफ्तार : CJM कोर्ट में रहकर करता था मदद, महाराष्ट्र प्रोजेक्ट में हिस्सेदार थी पत्नी

उत्तर प्रदेश एटीएस ने कन्वर्जन रैकेट मामले में छांगुर गैंग के एक और सदस्य और छांगुर का क़ानूनी मददगार राजेश उपाध्याय को लखनऊ से गिरफ्तार किया है।

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सुनील राय

लखनऊ । यूपी एटीएस ने छांगुर मामले में एक और अभियुक्त राजेश उपाध्याय को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021, थाना-एटीएस, लखनऊ का वांछित अभियुक्त राजेश कुमार उपाध्याय, निवासी चिनहट, लखनऊ को गिरफ्तार कर लिया गया।

महाराष्ट्र के लोनावला में हिस्सेदारी 

राजेश की पत्नी संगीता देवी जो बलरामपुर के ‘शारदा निवास’ में रहने वाली है, को छांगुर ने महाराष्ट्र के लोनावला में चल रहे करोड़ों के प्रोजेक्ट में लाभांश देने का वादा किया था। यह वही प्रोजेक्ट है, जिसमें 8 जुलाई, 2023 को बाराबंकी तहसील में हुए समझाैते में छांगुर और जमालुद्दीन (पूर्व में नवीन रोहरा) को साझेदार दिखाया गया है।

छांगुर का क़ानूनी मददगार राजेश 

वहीं इस लाभांश के बदले बलरामपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में क्लर्क के पद पर तैनात रहा राजेश छांगुर के लिए कानूनी मामलों में सक्रिय भूमिका निभाता है। सवाल है, आखिर एक हिंदू महिला को विदेशी फंड से चल रहे प्रोजेक्ट में हिस्सा क्यों..? कहीं संगीता भी ‘नसरीन मॉडल’ का अगला चरण तो नहीं..?

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पहले से पकड़े गए दो अन्य अभियुक्त भी आए गिरफ्त में

इसके पहले शनिवार को ही इस मामले में दो अन्य अभियुक्तों—सबरोज उर्फ इमरान उर्फ बुद्ध (उम्र 42 वर्ष) निवासी पुरवा-फकीरनडीह, ग्राम-रेहरामाफी, पोस्ट-रेहरामाफी, थाना-गैड़ास बुजुर्ग, जनपद बलरामपुर तथा शहाबुद्दीन (उम्र 36 वर्ष) निवासी पुरवा फकीरनडीह, ग्राम रेहरामाफी, थाना-गैड़ास बुजुर्ग, जनपद-बलरामपुर—को जनपद बलरामपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्तगण को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाएगी।

छांगुर बाबा की गिरफ्तारी और 100 करोड़ की फंडिंग का खुलासा

गत 5 जुलाई को कन्वर्जन के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए यूपी एटीएस ने 50 हज़ार रुपए के इनामी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था। नीतू ने कन्वर्जन कर अपना नाम नसरीन रख लिया है। इस मामले में छांगुर बाबा के गैंग के पास 100 करोड़ की फंडिंग की गई है, जो कई वर्षों से लगातार होती आ रही थी।

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विदेश यात्राओं से जुड़े कन्वर्जन नेटवर्क का पर्दाफाश

गैंग के सदस्य दुबई आदि देशों में जाकर विदेश यात्रा करते थे। कुछ लोगों को दुबई में ले जाकर कन्वर्जन भी कराते थे। बलरामपुर जनपद में छांगुर के बारे में लोग बताते हैं कि कुछ वर्षों पहले तक वह भिक्षाटन करके अपना गुजारा करता था। अचानक उसकी जीवनशैली में बदलाव आया और महंगी गाड़ियां एवं ऐशो-आराम की सारी सुविधाएं उसने जुटा लीं।

नवीन और नीतू बने गैंग के हिस्से, नाबालिग से निकाह की तैयारी

छांगुर के संपर्क में सबसे पहले नवीन और नीतू आए थे। उसने उन दोनों का कन्वर्जन कराया। नीतू को ‘नसरीन’ और नवीन को ‘जमालुद्दीन’ बना दिया और उनकी एक नाबालिग बच्ची को भी कन्वर्ट कराकर अपने भतीजे से उसके निकाह की पूरी तैयारी करा दी। इसके बाद नीतू और नवीन छांगुर बाबा के गैंग में शामिल हो गए।

40 बैंक खातों में 100 करोड़ से अधिक की फंडिंग

इस मामले में एसटीएफ ने गोमती नगर थाने में वर्ष 2024 में एफआईआर दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान पाया गया कि 40 बैंक खातों में करीब 100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग हुई है। इसके बाद इस मामले की विवेचना एटीएस को सौंप दी गई।

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विदेशी फंडिंग से करोड़ों की संपत्ति का निर्माण

उल्लेखनीय है कि विदेशी फंडिंग से एक वर्ष के अंदर करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदे जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। विवेचना में यह तथ्य सामने आया कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर ग्राम मधपुर में चांद औलिया दरगाह के बगल में रह रहा था। वह खुद को पीर व सूफी बासफा हज़रत जलालुद्दीन कहता है। उसने शिजर-ए-तैय्यबा नामक एक पुस्तक भी प्रकाशित करवाई है।

लव जिहाद का मॉडल

लखनऊ निवासी एक पीड़िता को अबू अंसारी ने हिन्दू नाम ‘अमित’ रखकर प्रेम जाल में फंसाया। इसके बाद वह उसे छांगुर शाह के पास दरगाह पर ले गया, जहां नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जमालुद्दीन ने गुन्जा गुप्ता का ब्रेनवाश किया। पैसों आदि का प्रलोभन देकर उसका कन्वर्जन कराया गया और उसका नाम बदलकर अलीना अंसारी रख दिया गया।

जाति के आधार पर कन्वर्जन के रेट तय

यह भी जानकारी में आया है कि हिन्दू धर्म के ब्राह्मण, सरदार या क्षत्रिय की लड़की को कन्वर्जन करने पर 15 लाख रुपये तक दिए जाते थे। पिछड़ी जाति की लड़की के लिए 10 से 12 लाख रुपये तथा अन्य जातियों की लड़कियों को 8 से 10 लाख रुपये की राशि दी जाती थी। छांगुर बाबा के गिरोह के सदस्य लगभग 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं।

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