नई दिल्ली (हि.स.) । भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक नई स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन एडफाल्सीवैक्स तैयार कर ली है। इस वैक्सीन को आईसीएमआर के क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, भुवनेश्वर और राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग–राष्ट्रीय प्रतिरक्षा संस्थान के सहयोग से विकसित किया है।
एडफाल्सीवैक्स (EdFalciVax) नामक वैक्सीन के निर्माण के लिए आईसीएमआर ने कंपनियों से आवेदन मंगवाए हैं।
आइसीएमआर के मुताबिक मलेरिया के नए टीके को फिलहाल एडफाल्सीवैक्स नाम दिया है, जो मलेरिया परजीवी प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ पूरी तरह असरदार पाया गया है। आरएमआरसी के वैज्ञानिक डॉ. सुशील सिंह ने कहा कि नया टीका मानव संक्रमण को रोक सकता है। एडफाल्सीवैक्स में पीएफएस-230 और पीएफएस48/45 प्रोटीन का एक मिश्रण शामिल है। यह संक्रमण रोकने वाले मजबूत एंटीबॉडी बनाता है। यह वैक्सीन न केवल इंसानों में संक्रमण से बचाव करेगी बल्कि मलेरिया के समुदाय में प्रसार को भी कम करेगी।
वैक्सीन ने अभी तक के प्री-क्लिनिकल परीक्षण में बेहतर प्रभाव दिखाया है।
इसका उद्देश्य व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर मलेरिया के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा प्रदान करना है। आईसीएमआर इस तकनीक को योग्य संगठनों और निर्माताओं को गैर-विशिष्ट लाइसेंसिंग के तहत प्रदान करना चाहता है, ताकि इसका उत्पादन और व्यावसायीकरण किया जा सके। एडफाल्सीवैक्स “मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत विकसित की जा रही एक महत्वपूर्ण वैक्सीन है, जो भविष्य में मलेरिया उन्मूलन में अहम भूमिका निभा सकती है।
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