आगरा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दो सगी बहनों को कथित तौर पर ब्रेनवॉश कर उनका इस्लामिक कन्वर्जन करवा दिया गया। पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों बहनों को बचा लिया है। यह घटना उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में हुई, जहां एक संगठित गिरोह पर लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर कन्वर्जन कराकर लोगों को कट्टरपंथी संगठनों से जोड़ रहा है।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने बताया कि आगरा की दो सगी बहनें, जो कि मूलत: पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जिनमें से बड़ी बहन का नाम अमीना (बदला हुआ नाम) बताया जा रहा है, इस गिरोह के जाल में फंस गई थीं। अमीना ने खुद का कन्वर्जन करने के बाद अपनी छोटी बहन को भी इसके लिए राजी कर लिया। दोनों बहनें कथित तौर पर पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में इस्लाम का प्रचार कर रही थीं। सूत्रों के अनुसार, इन बहनों को निकाह की तैयारी में भी शामिल किया जा रहा था। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब आगरा पुलिस को इनके गायब होने की सूचना मिली और जांच शुरू हुई।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
आगरा पुलिस ने इस मामले में सात राज्यों में छापेमारी कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें दो बहनें, जो मार्च में आगरा से गायब हो गई थीं, पश्चिम बंगाल के बैरकपुर से पकड़ी गईं। इसके अलावा, एक आरोपी उत्तराखंड के ऋषिकेश, एक बरेली और एक राजस्थान से गिरफ्तार किया गया। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि यह गिरोह 2015 से सक्रिय था और विदेशों से फंडिंग प्राप्त कर रहा था। गिरफ्तार आरोपियों को आगरा लाया जा रहा है, और अन्य संदिग्धों की तलाश में छापेमारी जारी है।
कैसे काम करता था यह गिरोह?
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह हाई-टेक तरीके से काम करता था। सोशल मीडिया के जरिए यह लोग पढ़े-लिखे युवक-युवतियों को निशाना बनाते थे। पहले उन्हें प्रेम जाल या अन्य लालच देकर फंसाया जाता, फिर ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन कराया जाता। इस मामले में जम्मू-कश्मीर की एक महिला साइमा उर्फ खुशबू का नाम सामने आया है, जिसने 2021 में एक पंजाबी लड़की को ब्रेनवॉश कर इस्लाम में परिवर्तित किया था। इसके बाद वह लड़की भी इस गिरोह का हिस्सा बन गई और दूसरों को फंसाने लगी।
विदेशी फंडिंग का कनेक्शन
इस गिरोह के तार अमेरिका, कनाडा, दुबई, और पाकिस्तान से जुड़े होने की बात सामने आई है। पुलिस के अनुसार, गोवा की एक महिला आयशा इस गिरोह को फंडिंग मुहैया कराती थी। यह गिरोह कथित तौर पर आईएसआईएस के पैटर्न पर काम करता था, जिसमें लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें कट्टरपंथी गतिविधियों से जोड़ा जाता था। इस पूरे रैकेट ने आगरा सहित कई राज्यों में अपने पैर पसार रखे थे।
परिवार का दर्द
दोनों बहनों के पिता ने बताया कि उनकी बेटियों को पहले साइमा ने अपने जाल में फंसाया। बड़ी बहन को पहले निशाना बनाया गया, और फिर उसने अपनी छोटी बहन को भी इस रास्ते पर ले जाने में मदद की। परिवार ने जब अपनी बेटियों के गायब होने की शिकायत दर्ज की, तब पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया। यह मामला ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म की कहानी से मिलता-जुलता बताया जा रहा है, जहां युवतियों को प्रेम या अन्य बहानों से फंसाकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है।
पुलिस की आगे की जांच
आगरा पुलिस इस मामले में गहराई से जांच कर रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है, और यह पता लगाया जा रहा है कि कितने लोग इस रैकेट का शिकार बने। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह संगठित तरीके से काम करता था और इसके नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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