शिखर धवन (फोटो साभार: एमएम)
WCL 2025: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले हाई-वोल्टेज मुकाबले से खुद को अलग कर लिया है। यह फैसला उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। धवन का यह कदम उनके देशप्रेम को दर्शाता है, और उन्होंने साफ कहा कि उनके लिए देश से बढ़कर कुछ नहीं है।
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कई प्रशंसकों ने भारतीय खिलाड़ियों के WCL में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने पर सवाल उठाए, जिसके बाद धवन ने यह बड़ा फैसला लिया।
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धवन ने मई 2025 में ही WCL आयोजकों को सूचित कर दिया था कि वह पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी मैच में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “जो कदम मैंने 11 मई को लिया, उस पर आज भी कायम हूँ। मेरा देश मेरे लिए सब कुछ है, और देश से बढ़कर कुछ नहीं होता।” उनकी इस घोषणा को सोशल मीडिया पर खूब समर्थन मिला, और प्रशंसकों ने उनके इस रुख की तारीफ की। धवन ने अपने ईमेल में लिखा, “वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए, मैंने और मेरी टीम ने यह फैसला लिया है। हम लीग से इस मामले में सहयोग की उम्मीद करते हैं।”
WCL का दूसरा सीजन 18 जुलाई से इंग्लैंड में शुरू हो चुका है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय टीम में धवन के अलावा युवराज सिंह (कप्तान), सुरेश रैना, हरभजन सिंह, यूसुफ पठान, इरफान पठान, रॉबिन उथप्पा, अंबाती रायडू जैसे दिग्गज शामिल हैं। यह टूर्नामेंट इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) की मंजूरी से आयोजित हो रहा है।
धवन के इस फैसले से पहले कुछ प्रशंसकों ने भारतीय खिलाड़ियों पर सवाल उठाए थे, क्योंकि वे इस निजी लीग में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने को तैयार थे। कुछ ने इसे ‘देशभक्ति की नौटंकी’ तक करार दिया था। लेकिन धवन के इस कदम ने उनकी देशभक्ति को फिर से साबित किया। उनके साथ-साथ हरभजन सिंह, सुरेश रैना, इरफान पठान और यूसुफ पठान जैसे खिलाड़ियों ने भी इस मैच से हटने का फैसला किया, जिसके बाद आयोजकों ने 20 जुलाई को होने वाला यह मुकाबला रद्द कर दिया।
WCL आयोजकों ने इस विवाद के बाद माफी मांगी और कहा कि उनकी मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने की नहीं थी। इस फैसले ने यह साफ कर दिया कि क्रिकेट के मैदान पर खेल से ज्यादा देश की भावनाएँ अहम हैं। धवन का यह कदम न सिर्फ उनके प्रशंसकों के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वह अपने सिद्धांतों पर अडिग हैं।
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