लखनऊ । यूपी एटीएस ने छांगुर के कन्वर्जन मामले में दो अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021, थाना-एटीएस, लखनऊ के वांछित अभियुक्तगण सबरोज उर्फ इमरान उर्फ बुद्ध (उम्र 42 वर्ष) निवासी पुरवा-फकीरनडीह, ग्राम-रेहरामाफी, पोस्ट-रेहरामाफी, थाना-गैड़ास बुजुर्ग, जनपद बलरामपुर व शहाबुद्दीन (उम्र 36 वर्ष) निवासी पुरवा फकीरनडीह, ग्राम रेहरामाफी, थाना-गैड़ास बुजुर्ग, जनपद-बलरामपुर को शनिवार को जनपद बलरामपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्तगण को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाएगी।
छांगुर पीर की गिरफ्तारी
गत 5 जुलाई को कन्वर्जन के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए यूपी एटीएस ने 50 हज़ार रुपए के इनामी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था। नीतू कन्वर्जन करके नसरीन बन गई है। इस मामले में छांगुर के गैंग के पास 100 करोड़ की फंडिंग की गई है। यह फंडिंग कई वर्षों से की जा रही थी।
यह भी पढ़ें – हर शाख पर छांगुर बैठा है… : एक और कन्वर्जन नेटवर्क का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड सहित 10 गिरफ्तार, देशभर में फैला जाल…
विदेश यात्राएं और कन्वर्जन की साजिश
गैंग के सदस्य दुबई आदि देशों में जाकर विदेश यात्रा करते थे। कुछ लोगों को दुबई में ले जाकर कन्वर्जन भी कराते थे। बलरामपुर जनपद में छांगुर के बारे में लोग बताते हैं कि कुछ वर्षों पहले तक यह भिक्षाटन करके अपना गुजारा करता था। अचानक से इसकी जीवन शैली में बदलाव आया और महंगी गाड़ियां एवं ऐशो-आराम की सारी सुविधाएं इसने जुटा लीं।
छांगुर के साथियों की भूमिका
छांगुर के संपर्क में सबसे पहले नवीन और नीतू आए थे। इसने उन लोगों का कन्वर्जन कराया। नीतू को नसरीन और नवीन को जमालुद्दीन बना दिया और उसकी एक नाबालिग बच्ची को भी कन्वर्ट कराकर अपने भतीजे से उसका निकाह कराने की तैयारी थी। उसके बाद नीतू और नवीन बाबा के गैंग में शामिल हो गए।
बैंक खातों में 100 करोड़ से अधिक फंडिंग
इस मामले में एसटीएफ ने गोमती नगर थाने में वर्ष 2024 में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले की विवेचना के दौरान पाया गया कि 40 बैंक खातों में करीब 100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग हुई है। इसके बाद इस मामले की विवेचना एटीएस को दे दी गई थी।
विदेशी फंडिंग से संपत्ति में वृद्धि
उल्लेखनीय है कि विदेशी फंडिंग से एक वर्ष के अंदर करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदे जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। विवेचना में पाया गया कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर ग्राम मधपुर में चांद औलिया दरगाह के बगल में रह रहा था। वह खुद को पीर बाबा व सूफी बासफा हज़रत बाबा जलालुद्दीन कहता है। उसने शिजर-ए-तैय्यबा नाम से एक पुस्तक भी प्रकाशित करवाई है।
यह भी पढ़ें – मौलाना छांगुर की कोठी निकली टेरर फैक्ट्री : ISI से कनेक्शन, भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की रच रहा था साजिश
प्रलोभन देकर कन्वर्जन की योजना
लोगों को प्रलोभन देकर उसने कन्वर्जन कराया है। लखनऊ निवासी एक पीड़िता को अबू अंसारी ने हिन्दू नाम अमित रखकर प्रेम जाल में फंसाया। उसके बाद छांगुर शाह के पास दरगाह पर ले गया। वहां पर नीतू उर्फ नसरीन, नवीन उर्फ जमालुद्दीन ने गुन्जा गुप्ता का ब्रेनवाश किया। पैसे आदि का प्रलोभन देकर कन्वर्जन करा दिया और उसका नाम अलीना अंसारी रख दिया गया।
जाति आधारित फंडिंग मॉडल
यह भी जानकारी में आया है कि हिन्दू धर्म के ब्राह्मण, सरदार या क्षत्रिय की लड़की को कन्वर्जन करने पर 15 लाख रुपये दिए गए हैं। पिछड़ी जाति की लड़की के लिए 10 से 12 लाख रुपये दिए गए। इसके साथ ही अन्य जाति की लड़कियों को 8 से 10 लाख रुपये दिए जाते थे। छांगुर बाबा के गिरोह के सदस्य लगभग 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं।
टिप्पणियाँ