अवैध रूप से इस्लामिक कन्वर्जन करने वाले गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में अभी कुछ दिन पहले जब छांगुर मौलाना के कन्वर्जन रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था, तब कई राज्यों की पीड़ित लड़कियाँ सामने आकर अपनी कहानी बयां कर चुकी थीं। लगा था कि जैसे इस खेल पर कुछ विराम लगेगा… मगर साज़िश अभी ज़िंदा थी- और ज़्यादा संगठित हो चुकी थी।
अब एक बार फिर यूपी पुलिस की तेज़तर्रार टीम ने एक और pan-India conversion syndicate को उजागर किया है। ये वही गिरोह है जो “Love Jihad as a Tool for Mass Religious Conversion” जैसे संगठित एजेंडे पर काम कर रहा था। छांगुर नेटवर्क की तर्ज़ पर ही इस नए नेटवर्क ने भी मासूम लड़कियों को फँसाकर उन्हें कन्वर्जन के जाल में उलझाया। पुलिस की कार्रवाई में अब तक देश के छह राज्यों से 10 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
ये नेटवर्क कितना गहरा और खतरनाक है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाइए कि इसके तार social media grooming, fake identity creation, indoctrination tactics जैसी आधुनिक साज़िशों से भी जुड़े हैं। ये कोई मामूली गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक well-planned conversion war की परतें हैं जो एक-एक कर देश के सामने आ रही हैं।
आगरा से मास्टरमाइंड गिरफ्तार, विदेशों से मिल रही थी फंडिंग
इस नेटवर्क का मुख्य सरगना आगरा से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि कनाडा, अमेरिका, पाकिस्तान और गल्फ देशों से इस नेटवर्क को फंडिंग मिल रही थी। यह नेटवर्क लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा कर मतान्तरण करवा रहा था। पुलिस को ISIS और PFI जैसे संगठनों से इस नेटवर्क की समानता के संकेत मिले हैं।
देशभर से की गिरफ्तारी
उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण ने 6 राज्यों के 10 लोगों के नामों का खुलासा किया है। जिन्हें गैरकानूनी कन्वर्जन गिरोह के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। गोवा से आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, कोलकाता से अली हसन उर्फ शेखर राय, कोलकाता से ओसामा, आगरा से रहमान कुरैशी, मुजफ्फरनगर से अबू तालिब, देहरादून से अबुर रहमान, जयपुर से मोहम्मद अली, जयपुर से जुनैद कुरैशी, दिल्ली से मुस्तफा उर्फ मनोज, जयपुर से मोहम्मद अली को गिरफ्तार किया गया है।
क्या बोले डीजीपी
इस मामले का खुलासा करते हुए उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा बताया कि ‘अवैध कन्वर्जन के खिलाफ यूपी पुलिस ने बड़ा एक्शन किया है। यूपी पुलिस ने आगरा में छांगुर की तरह एक और गैंग का खुलासा किया है। जिसके लिए जिहाद के नाम पर अंतरराष्ट्रीय फंडिंग हुई है। इसमें 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी कम उम्र की हिन्दू लड़कियों को फंसाते थे। इस मामले में यूपी पुलिस ने 11 प्रदेशों में छापेमारी कर 10 लोग अरेस्ट। इस गैंग के सदस्य अलग अलग राज्यों से काम किया करते थे।
ऑपरेशन अस्मिता : योगी सरकार का सख्त रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने “ऑपरेशन अस्मिता” नाम से एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत यह कार्रवाई की गई। ऑपरेशन का उद्देश्य महिलाओं और युवतियों को लव जिहाद और जबरन मतान्तरण से बचाना है।
कई आतंकी संगठनों से कनेक्शन की आशंका
पुलिस को शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि यह नेटवर्क पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ था। विदेशों से फंडिंग आकर सीधे युवाओं को गुमराह करने, हिंदू लड़कियों को फंसाने और उनका मतान्तरण कराने के लिए इस्तेमाल हो रही थी।
आगे की कार्रवाई में जुटी यूपी पुलिस
यूपी पुलिस अब सभी गिरफ्तार आरोपियों की रिमांड लेकर गहन पूछताछ की तैयारी में है। साथ ही अन्य राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों से संपर्क कर रही है, ताकि इस नेटवर्क की जड़ें और गहरी पड़ताल की जा सके।
इस मामले को देखने के बाद स्पष्ट कहा जा सकता है कि छांगुर नेटवर्क के बाद भी कन्वर्जन का मकड़जाल सक्रिय है, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस की सतर्कता से एक और बड़ी साजिश समय रहते बेनकाब हो गई है। अब उम्मीद की जा रही है कि इस गिरोह से जुड़े और चेहरों को भी जल्द ही कानून के दायरे में लाया जाएगा।
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