उत्तर प्रदेश

Maulana Chhangur के खिलाफ फतवा: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने की सामाजिक बहिष्कार की अपील

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने छांगुर के कन्वर्जन रैकेट के खिलाफ जुबानी फतवा जारी कर मुस्लिम समाज से सामाजिक बहिष्कार की अपील की।

Published by
Kuldeep Singh

Maulana Chhangur: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में जलालुद्दीन उर्फ मौलाना छांगुर के अवैध कन्वर्जन रैकेट का खुलासा होने के बाद बरेली के प्रमुख मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने छांगुर के कृत्यों की निंदा करते हुए एक जुबानी फतवा जारी किया है।

उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की है कि वे ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार करें, जो इस्लाम की छवि को धूमिल कर रहे हैं। यह मामला अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है।

छांगुर का तिलिस्म

जलालुद्दीन उर्फ मौलाना छांगुर बलरामपुर में एक तथाकथित आध्यात्मिक गुरु के रूप में सक्रिय था। लेकिन यूपी पुलिस की एंटी-टेरर स्क्वॉड (ATS) ने उसके काले कारनामों का पर्दाफाश किया। छांगुर पर आरोप है कि वह एक बड़े कन्वर्जन रैकेट का सरगना था, जिसमें हिंदू महिलाओं, खासकर गरीब और कमजोर तबके की महिलाओं को निशाना बनाया जाता था। ATS की जांच में सामने आया कि छांगुर और उसके साथी कोडवर्ड्स जैसे “प्रोजेक्ट”, “मिट्टी पलटना”, “काजल करना” और “दर्शन” का इस्तेमाल करते थे। इन कोडवर्ड्स का मतलब था- “प्रोजेक्ट” यानी युवा लड़कियां, “मिट्टी पलटना” यानी धर्म बदलवाना, “काजल करना” यानी मानसिक रूप से प्रभावित करना और “दर्शन” यानी छांगुर से मिलवाना।

लालच और धमकी का खेल

छांगुर और उसका गिरोह लालच और डर का सहारा लेकर लोगों को धर्म बदलने के लिए मजबूर करता था। कुछ पीड़ितों ने बताया कि उन्हें विदेश में नौकरी, स्कॉलरशिप और बेहतर जिंदगी का लालच दिया जाता था। जो लोग इनके बहकावे में नहीं आते, उन्हें बदनाम करने या जान से मारने की धमकी दी जाती थी। एक पीड़िता ने तो यह भी खुलासा किया कि छांगुर के लोग हिंदू बनकर महिलाओं से संपर्क करते थे, ताकि उनका भरोसा जीत सकें। ATS ने यह भी पाया कि छांगुर के पास विदेशों से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग आई थी, जिसका इस्तेमाल वह इस रैकेट को चलाने में करता था।

मौलाना शहाबुद्दीन का फतवा

इस मामले के सामने आने के बाद बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि इस्लाम में जबरन या लालच देकर कन्वर्जन कराना पूरी तरह हराम है। मौलाना ने अपने फतवे में साफ किया कि छांगुर जैसे लोग इस्लाम की शिक्षाओं को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे ऐसे लोगों से कोई रिश्ता न रखें और उनका सामाजिक बहिष्कार करें। मौलाना का कहना है कि मजहब का प्रचार-प्रसार करना हर व्यक्ति का हक है, लेकिन किसी को धोखे या दबाव में लाकर उसका धर्म बदलवाना इस्लाम के खिलाफ है।

ATS की कार्रवाई और जांच

यूपी ATS ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है। छांगुर को गिरफ्तार कर सात दिन की रिमांड पर लिया गया है, ताकि इस रैकेट के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके। जांच में पता चला कि छांगुर का नेटवर्क भारत के कई राज्यों और नेपाल सीमा से सटे जिलों तक फैला हुआ था। उसने पुणे के लोनावला में 16 करोड़ की प्रॉपर्टी भी बनाई थी। इसके अलावा, 40 से ज्यादा बैंक खातों की जांच चल रही है, जिनमें विदेशी फंडिंग के सबूत मिले हैं। ATS को शक है कि छांगुर का संबंध विदेशी मिशनरी समूहों और यहां तक कि ISI से भी हो सकता है।

आगे और भी होंगे खुलासे?

यह मामला अभी और गहरा होने की संभावना है। ATS की जांच में कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं। छांगुर के साथी, जैसे बलरामपुर के राशिद शाह, भी गिरफ्तार हो चुके हैं।

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