मुंबई, (हि.स.)। महाराष्ट्र के जलगांव जिले के देवगिरी क्षेत्र में आयोजित विश्व हिंदू परिषद् की केंद्रीय प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक का शनिवार को समापन हो गया। बैठक में कांवड़ यात्रा पर प्रहार, अवैध धर्मांतरण और हिंदू समाज के समक्ष व्याप्त अनेक चुनौतियों पर चर्चा की गयी।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि 18 जुलाई से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक में कांवड़ यात्रा पर हो रहे प्रहार, लव जिहाद के आघात, अवैध कन्वर्जन , गो हत्या, हिंदू समाज के समक्ष व्याप्त अनेक तात्कालिक व दीर्घकालिक चुनौतियों पर चर्चा के साथ-साथ सेवा, संस्कार व सामाजिक समरसता के कार्यों के विस्तार विषयों पर भी चर्चा की गयी।
विनोद बंसल ने बताया कि संत श्याम चैतन्य व अनंत प्रकाश दास जी महाराज के आशीर्वचन “स्वधर्मे निधनं श्रेय, पर-धर्म भयाभये” के साथ यह बैठक शुरू हुई। हमारे शास्त्र कहते हैं कि स्व-धर्म में मरना भी कल्याणकारी है किंतु दूसरे का धर्म अपनाना भय देने वाला है। देश के युवाओं को नशे की वृत्ति से मुक्त कर उन्हें हिंदू संस्कारों, गोरक्षा और राष्ट्रधर्म से जोड़ना समय की सबसे बड़ी मांग है।
बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जोशी उपाख्य भैया जी जोशी, विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार, महामंत्री बजरंगलाल बागड़ा, संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे सहित देशभर से आए केंद्रीय व विविध प्रांतों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक से पूर्व, प्रतिभागियों का प्रांत की दुर्गावाहिनी व मातृशक्ति ने वाडकरी संस्कृति के अनुसार पुष्प वर्षा व आरती के थाल सजा कर स्वागत कियाा
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