सामर्थ्य का सम्मान
July 20, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

शिवाजी द्वारा निर्मित 12 किले यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल, मराठा सामर्थ्य को सम्मान

पेरिस में आयोजित यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की 47वीं बैठक में भारत के ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया। इसमें छत्रपति शिवाजी द्वारा निर्मित 12 किलों को स्थान मिला है।

by गुंजन अग्रवाल
Jul 18, 2025, 05:38 pm IST
in भारत, विश्व, विश्लेषण, धर्म-संस्कृति, महाराष्ट्र
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गत 11 जुलाई को पेरिस में आयोजित यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की 47वीं बैठक में भारत के ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया। इसमें छत्रपति शिवाजी द्वारा निर्मित 12 किलों को स्थान मिला है। यह महज स्थापत्य कला या इतिहास ही नहीं, उस जुझारू मराठा सामर्थ्य और रणनीतिक कौशल की भी वैश्विक स्वीकार्यता है, जिसने 17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच उपमहाद्वीप की राजनीति को नई दिशा दी।

इसी के साथ भारत के 44 स्थल विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित हो गए हैं। इनमें 36 सांस्कृतिक स्थल, सात प्राकृतिक स्थल और एक मिश्रित स्थल है। शिवाजी महाराज के जिन 12 किलों को धरोहर सूची में शामिल किया गया है, उनमें 11 महाराष्ट्र में और एक तमिलनाडु में है।

इस नामांकन को लेकर समिति में गहन बहस हुई। अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद् ने भारत की दावेदारी को स्थगित करने की सिफारिश की। लेकिन भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के समर्थन ने नामांकन को आधिकारिक रूप से विश्व धरोहर स्थल के रूप में अंकित करने में मदद की। मैक्सिको, ग्रीस, यूक्रेन, लेबनान, केन्या, कजाकिस्तान, वियतनाम, इटली, जाम्बिया, कोरिया गणराज्य, कतर और जमैका जैसे देशों ने भारत के पक्ष में मतदान करते हुए इसे समर्थन दिया। यह निर्णय भारत के लिए केवल सांस्कृतिक विजय नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी ऐतिहासिक धरोहर के प्रति सजगता का प्रतीक है।

हालांकि, महाराष्ट्र में लगभग 400 किले हैं। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में फैले ये किले मराठा शासन के सैन्य कौशल को दर्शाते हैं। लेकिन इनमें से केवल 11 किलों को यूनेस्को की सूची के लिए चुना गया।

महाराष्ट्र में सात विश्व धरोहर स्थल इनमें छह सांस्कृतिक और एक प्राकृतिक

अजंता गुफाएं (1983), एलोरा गुफाएं (1983), एलीफेंटा गुफाएं (1987), छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस) (2004), विक्टोरियन स्थापत्य शैली (गोथिक) तथा मुंबई के आर्ट डेको एन्सेम्बल्स (2018) और महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के पश्चिमी घाट प्राकृतिक श्रेणी (2012) में क्रमिक संपदाएं हैं। इस वर्ष विश्व धरोहर स्थलों की सूची में सम्मिलित भारत का मराठा सैन्य परिदृश्य महाराष्ट्र से विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित छठी सांस्कृतिक सम्पदा है।

इससे पहले, 2021 में छत्रपति शिवाजी के 12 किलों को ‘भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य’ के अंतर्गत संभावित विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था। जनवरी 2024 में संस्कृति मंत्रालय द्वारा 2024-25 के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए आधिकारिक तौर पर इन्हें चुना गया। अक्तूबर 2024 यूनेस्को की टीम ने किलों का सर्वेक्षण किया। फरवरी 2025 में महाराष्ट्र के चार-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इन किलों को विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने के लिए तकनीकी और कूटनीतिक प्रस्तुतियां देने हेतु पेरिस का दौरा किया।

महाराष्ट्र में अब कुल सात विश्व धरोहर स्थल हो गए हैं। इनमें छह सांस्कृतिक और एक प्राकृतिक है। ये हैं- अजंता गुफाएं (1983), एलोरा गुफाएं (1983), एलीफेंटा गुफाएं (1987), छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस) (2004), विक्टोरियन स्थापत्य शैली (गोथिक) तथा मुंबई के आर्ट डेको एन्सेम्बल्स (2018) और महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के पश्चिमी घाट प्राकृतिक श्रेणी (2012) में क्रमिक संपदाएं हैं। इस वर्ष विश्व धरोहर स्थलों की सूची में सम्मिलित भारत का मराठा सैन्य परिदृश्य महाराष्ट्र से विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित छठी सांस्कृतिक सम्पदा है।

यूनेस्को का यह कदम मराठा किलों के संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सहायता को भी प्रोत्साहित करेगा। साथ ही, पर्यटन उद्योग में नए अवसर खोलते हुए स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल प्रदान करेगा।
(लेखक पत्रकार एवं इतिहासवेत्ता हैं )

Topics: विश्व धरोहरसांस्कृतिक विजयworld heritageयूनेस्को की सूचीपाञ्चजन्य विशेषअजंता गुफाएंMaratha martial strengthMaratha military landscapeInternational monumentCultural triumphUNESCO listजुझारू मराठा सामर्थ्यछत्रपति शिवाजीमराठा सैन्य परिदृश्यChhatrapati Shivajiअंतरराष्ट्रीय स्मारक
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

छत्रपति शिवाजी महाराज के दुर्ग: स्वाभिमान और स्वराज्य की अमर निशानी

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : शाैर्य के जीवंत प्रतीक

देश के वे गांव जहां बोलचाल की भाषा है संस्कृत

देश के वे गांव, जहां बोली जाती है संस्कृत, बच्चे भी लेते हैं योग और वेदों की शिक्षा

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के सशक्त शिल्पकार

महाराणा प्रताप और इस्लामिक आक्रांता अकबर

महान प्रताप हैं, अकबर नहीं : इस्लामी आक्रांता को लेकर जानिये कैसे फैलाया गया झूठ

रा.स्व.संघ की सतत वृद्धि के पीछे इसके विचार का बल, कार्यक्रमों की प्रभावोत्पादकता और तपोनिष्ठ कार्यकर्ताओं का परिश्रम है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : विचार, कार्यक्रम और कार्यकर्ता-संगम

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Russia Ukraine War

Russia Ukraine War: क्या हुआ कि युद्धविराम की बात करने लगे जेलेंस्की?

Indus water treaty Manoj Sinha

सिंधु जल समझौता खत्म होना कश्मीर के लिए वरदान: मनोज सिन्हा

WCL 2025 Shikhar Dhawan

WCL 2025: शिखर धवन ने ठुकराया भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच, कहा- ‘देश से बढ़कर कुछ नहीं’

Shashi Tharoor national interest Party loyalty

कांग्रेस से वफादारी पर शशि थरूर: राष्ट्रीय हित पहले, पार्टी बाद में

Irana Shirin Ebadi

शिरीन एबादी ने मूसवी के जनमत संग्रह प्रस्ताव को बताया अव्यवहारिक, ईरान के संविधान पर उठाए सवाल

छत्रपति शिवाजी महाराज के दुर्ग: स्वाभिमान और स्वराज्य की अमर निशानी

महाराष्ट्र के जलगांव में हुई विश्व हिंदू परिषद की बैठक।

विश्व हिंदू परिषद की बैठक: कन्वर्जन और हिंदू समाज की चुनौतियों पर गहन चर्चा

चंदन मिश्रा हत्याकांड का बंगाल कनेक्शन, पुरुलिया जेल में बंद शेरू ने रची थी साजिश

मिज़ोरम सरकार करेगी म्यांमार-बांग्लादेश शरणार्थियों के बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड, जुलाई से प्रक्रिया शुरू

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

‘कोचिंग सेंटर का न हो बाजारीकरण, गुरुकुल प्रणाली में करें विश्वास’, उपराष्ट्रपति ने युवाओं से की खास अपील

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies