गत 23 जून को भुवनेश्वर मेें डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसे संबोधित करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन देश के लिए एक ऐसा उपहार है, जो प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा और आदर्श है।
जब भी कश्मीर का नाम लिया जाएगा, डॉ. मुखर्जी की याद आएगी। उनका मानना था कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसके लिए किसी विशेष धारा की आवश्यकता नहीं है।
यह भावना गहरे राष्ट्रप्रेम की प्रतीक है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने डॉ. मुखर्जी को युवा शक्ति की प्रेरणा बताते हुए उनके जीवन की तुलना एक उल्का पिंड से की, जो आकाश में थोड़े समय के लिए रहता है, फिर भी संपूर्ण आकाशमंडल को प्रभावित करता है। इस अवसर पर विधायक बाबू सिंह, अशोक महांति और प्रो. बसंत कुमार पंडा आदि उपस्थित थे।
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