गत दिनों नई दिल्ली के वसंत विहार स्थित ललित महाजन सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अखिल भारतीय संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग आयोजित हुआ। इसका उद्घाटन विश्व हिंदू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने किया।
उन्होंने कहा कि सब जगह भारतीय भाषाओं का विकल्प होने के बावजूद अंग्रेजी के प्रति अतिरिक्त प्रेम और अपनी भाषाओं के प्रति हीनता का भाव चिंता का विषय है। देववाणी संस्कृत सहित भारतीय भाषाएं प्रभावी, उपयोगी और व्यावहारिक हैं।
हिंदुत्व के गौरव काल की तरह यह समय भारतीय भाषाओं की पहचान और सम्मान का भी समय है। संस्कृत शिक्षण ईश्वरीय संदेश के साथ पुण्य का और राष्ट्रभक्ति का कार्य है।
विहिप का संस्कृत आयाम वर्षों से संस्कृत शिक्षक तैयार कर रहा है, यह हमारे लिए गौरव की बात है। विहिप के राष्ट्रीय संस्कृत आयाम प्रमुख प्रो.देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि वैदिक विद्याओं और प्राच्य विद्याओं के सम्मेलन और कार्यशालाओं के आयोजन के साथ आयाम द्वारा देशभर में संस्कृतमय वातावरण बनाते हुए समाज जागरण का कार्य कर रहा है।
इस अखिल भारतीय संस्कृत वर्ग में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली और उत्तराखंड आदि राज्यों से 100 से अधिक शिविरार्थियों ने भाग लिया।
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