आपातकाल का संघर्ष : लिखना मना था…
मैं उस समय अमृतसर में था। अचानक जीवन रुक गया। चारों ओर उदासी, अजीब सा माहौल। मैं उन दिनों कविता लिखता था। नौजवान हिन्दी शायर कहलाता था। कवि गोष्ठियों में अक्सर मेरी कविताओं को गर्म लोहा और गर्म खून कविताएं कहा जाता था। अचानक कविताओं पर प्रतिबंध लगा। शहर में सीआईडी वाले घूम-घूम कर लेखकों … Continue reading आपातकाल का संघर्ष : लिखना मना था…
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