कोलकाता में गत फरवरी को श्रीबड़ाबाजार कुमारसभा पुस्कालय द्वारा ‘एक शाम किताबों के नाम’ से एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार अजयेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने कहा कि पुस्तकें आदर्श, यथार्थ एवं भावना की त्रिवेणी रचती हैं।
कार्यक्रम में नंदलाल रौशन की कृति ‘हक में हैं खामोशियां’, सरोज कौशिक की ‘पूर्णमिदम्’ एवं रामनाथ बेखबर की ‘ख्वाहिश’ पर विशेष चर्चा हुई। लेखकीय वक्तव्य के पश्चात् डॉ अभिलाषा पांडेय, दुर्गा व्यास,परमजीत पंडित एवं ऋतु डागा ने समीक्षात्मक टिप्पणी की।
कुमारसभा के अध्यक्ष महावीर बजाज ने इस कार्यक्रम की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परम्परा लुप्त न हो तथा हम अपनी जड़ों से जुड़े रहें, इस भाव से यह आयोजन प्रारंभ किया गया है
राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी
नई दिल्ली स्थित संस्कार भारती के मुख्यालय ‘कला संकुल’ में गत दिनों राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। इसका आयोजन ललित कलाओं को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती (बरेली) एवं अंतरराष्ट्रीय कला रत्नम फाउंडेशन आफ आर्ट सोसाइटी (बरेली) ने किया था। प्रदर्शनी में पूरे भारत से चित्रकार शामिल हुए। इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि पद्मश्री बिमान बी. दास की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर संस्कार भारती के अनेक अधिकारी और बड़ी संख्या में कलाकार उपस्थित थे।
टिप्पणियाँ