उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य के खिलाफ अपील दायर की है. सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को दुराचार के मामले में जनपद न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. इसी मामले में ट्रायल कोर्ट ने गायत्री प्रजापति व अन्य दो अभियुक्तों को पाक्सो की धारा 5 जी व 6 से बरी कर दिया. इसके अतिरिक्त चार अन्य अभियुक्तों को पूरी तरह से बरी कर दिया. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल अपील को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है और अभियुक्तों को नोटिस तामील करने का आदेश दिया है.
उल्लेखनीय है गायत्री प्रजापति के खिलाफ भ्रष्टाचार के भी मामले में जांच चल रही है. कुछ माह पूर्व प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध खनन की विवेचना को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के कई ठिकानों पर छापा मारा था. इस कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय को गायत्री प्रजापति और उसके परिजनों के नाम करीब 44 से ज्यादा प्रॉपर्टी और जमीन से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए थे. आरोप है कि इन संपत्तियों को अवैध आय से अर्जित किया गया है.
बरामद हुए कागजात में लखनऊ, कानपुर, सीतापुर, अमेठी में कई प्रॉपर्टी को अवैध आय से अर्जित किया गया था. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया. सीतापुर और फैजाबाद जनपद में खरीदी गई प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले जिसकी कीमत 578 लाख रूपये आंकी गई. इसी प्रकार लखनऊ, कानपुर, अमेठी और मुंबई में अनिल प्रजापति के नाम से 11 प्रॉपर्टी के कागजात मिले थे. इसकी अनुमानित कीमत लगभग 754 लाख रूपये आंकी गई थी.
लखनऊ और कानपुर में 5 प्रॉपर्टी के कागजात मिले जिसकी अनुमानित कीमत करीब 95 लाख रूपये आंकी गई थी. लखनऊ, अमेठी, मुंबई, रायबरेली और सुल्तानपुर जनपद में अनुराग प्रजापति के नाम से 8 प्रॉपर्टी के कागजात मिले थे जिसकी अनुमानित कीमत- करीब 360 लाख रूपये आंकी गई थी. लखनऊ में बेनामी प्रॉपर्टी के 44 दस्तावेज मिले जिसकी अनुमानित कीमत करीब- 1715 लाख रूपये आंकी गई थी.
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