प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पहुंचे। जयराम ठाकुर की अगुवाई में भाजपा सरकार के चार साल पूरा होने पर मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री ने सूबे को 11,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी।
पड्डल मैदान में सुबह 8:30 ही लोगों के लिए खोल दिया गया था। प्रदेश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में मौजूद लोग बेसब्री प्रधानमंत्री मोदी के आगमन का इंतजार कर रहे थे। पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ पहुंचे लोगों में भी गजब का उत्साह दिख रहा था। करीब 11:30 बजे जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी का हेलीकॉप्टर कांगणीधार हेलीपैड पर उतरा, उनके स्वागत में छोटी काशी वाद्ययंत्रों से गूंज उठी। मुख्यममंत्री जयराम ठाकुर ने उनका स्वागत किया। यहां से सबसे पहले वे एक्सपो प्रदर्शनी में गए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह की अध्यक्षता की। इससे लगभग 28,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत के माध्यम से क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इसके बाद प्रधानमंत्री मंच पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा के बाद केदारनाथ मंदिर और सोमनाथ मंदिर को भव्य रूप दिया, काशी विश्वनाथ गलियारे का निर्माण करवाया और रामलला की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। उन्होंने विरासत को बचाया और विकास के मामले में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है। नंगल-ऊना-तलवाड़ा रेललाइन प्रधानमंत्री मोदी की देन है। उन्होंने ही ऐतिहासिक अटल टनल का निर्माण कराया और हिमाचल के लिए पनबिजली परियोजनाएं मंजूर कीं। 140 करोड़ भारतीयों की मुफ्त में वैक्सीन लगवाई। आपदा के समय में 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं और चावल 20 महीने तक मुफ्त में दिए गए।
जलविद्युत परियोजनाओं का शिलान्यास
इस मौके पर मोदी ने 11,000 करोड़ रुपये की जलविद्युत परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने सावरा-कुड्डू जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। 111 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण लगभग 2080 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इससे सालाना 380 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन होगा और राज्य को सालाना 120 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा। साथ ही, प्रधानमंत्री ने लगभग तीन दशकों से लंबित रेणुकाजी बांध परियोजना की आधारशिला भी रखी। 40 मेगावाट की परियोजना 7,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होगी। यह खासतौर से दिल्ली के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी। इससे सालाना करीब 500 मिलियन क्यूबिक मीटर जल आपूर्ति की जा सकेगी।
प्रधानमंत्री लुहरी जल विद्युत परियोजना के पहले चरण की आधारशिला भी रखी। 210 मेगावाट वाली इस परियोजना पर 1800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। इससे प्रति वर्ष 750 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना की आधारशिला भी रखी। पीएमओ के मुताबिक, यह हमीरपुर जिले की पहली जलविद्युत परियोजना होगी। 66 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण 680 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। इससे प्रति वर्ष 300 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा।
टिप्पणियाँ