भारत सरकार ने सोमवार को कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव आयोजन किया। स्वास्थ्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय आर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के इस संयुक्त आयोजन में दुनिया के 142 देश शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविन (CoWIN) ग्लोबल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोरोना महामारी को दुनिया के लिए चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि इस महामारी से अकेले कोई भी देश नहीं लड़ सकता। इसके खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण ही सबसे बड़ी उम्मीद है। शुरुआत से ही हमने टीकाकरण की योजना बनाते समय पूरी तरह से डिजिटल दृष्टिकोण अपनाने का फैसला किया था। इस लड़ाई में तकनीक महत्वपूर्ण हिस्सा है। साथ ही, कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के लिए भारत अपने तकनीकी प्लेटफॉर्म कोविन को जल्द ही सभी देशों को उपलब्ध कराएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी की शुरुआत से ही भारत अपने सभी अनुभवों और संसाधनों को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत अपने वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म कोविन को दुनिया के कई देशों के साथ साझा कर रहा है। तमाम दिक्कतों के बावजूद जितना संभव हो सका, हमने दुनिया के साथ इसे साझा किया है, भारतीय सभ्यता पूरी दुनिया को एक परिवार मानती है। इस महामारी ने लोगों को इस सिद्धांत की मौलिक सच्चाई से परिचित करा करा दिया। इसलिए कोविड वैक्सीनेशन के लिए कोविन को ओपन सोर्स बनाने की तैयारी की जा रही है।
भारत सरकार ने सोमवार को कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव का आयोजन किया था। इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, गुयाना, एंटीगा और बारबुडा, सेंट किट्स एंड नेविस और जांबिया सहित 142 देशों ने हिस्सा लिया। इस कॉन्क्लेव का आयोजन संयुक्त रूप से स्वास्थ्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय आर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा किया गया था।
कई देशों ने दिखाई रुचि
बीते दिनों कई देश भारत के टीकाकरण अभियान में प्रयुक्त होने वाली तकनीक कोविन में दिलचस्पी दिखाई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुसार, कनाडा, मेक्सिको, नाइजीरिया, वियतनाम, साइप्रस, कोएशिया, सिएरा लियोन, जांबिया, मालदीव, पनामा और युगांडा समेत लगभग 50 देशों ने कोविन एप में रुचि दिखाई है। यह एप टीकाकरण प्रक्रिया, प्रशासनिक गतिविधियों, टीकाकरण में लगे कर्मियों और उन लोगों के लिए एक मंच की तरह काम करता है, जिन्हें टीका लगाया जाना है। भारत ‘ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर’ मुफ्त में साझा करने के लिए तैयार है, जिसे कोई भी देश ले सकता है। इसका उद्देश्य दुनिया के लिए डिजिटल पब्लिक गुड के रूप में कोविन प्लेटफॉर्म का विस्तार करना है।
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