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फ्लोरिडा के स्कूल में हुई गोलीबारी में 15 से अधिक बच्चे मारे गए। इस कांड के बाद एक बार फिर चर्चा शुरू हुई है कि हथियारों की होड़ कहां खत्म होगी?
ललित मोहन बंसल
टेक्सास, लॉस वेगास और फ्लोरिडा में निर्दोष बच्चों की निर्मम हत्या के बाद ‘बंदूक नियंत्रण’ के हिमायती और इसके विरोध में खड़े मानवतावादियों के बीच द्वंद्व शुरू हो गया है। अमेरिका में कैलिफोर्निया ही एक ऐसा राज्य है, जहां स्वचालित राइफल की बिक्री और उसे अवैध तौर पर रखना कानूनन अपराध है। यही नहीं, इस ‘गोल्डन स्टेट’ में पुलिस अथवा सामान्य जन को यह अधिकार है कि वह अदालत से गुहार कर ऐसे व्यक्ति अथवा व्यक्तियों को बंदूक-विहीन कर सकते हैं। यह स्थिति देश के अन्य भागों में नहीं है। वहां आग्नेयास्त्र रखना और इसका व्यापार कानूनसम्मत है। इसके लिए नेशनल राइफल एसोसिएशन इतनी शक्तिशाली है कि इस पर हथौड़ा चलाना सहज नहीं है। फ्लोरिडा गोलीकांड के अगले ही दिन अमेरिका संसद के दोनों सदनों में आग्नेयास्त्रों पर प्रतिबंध की मांग उठी। सीनेट में बिल नेल्सन ने गुस्से में कहा, ‘‘बस, अब बहुत हो चुका है। देशभर में ‘गन कंट्रोल’ पर सार्थक उपाय करने ही होंगे।’’ प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता नैंसी पेलोसी ने मांग की कि अब समय आ गया है कि आग्नेय हथियारों पर प्रतिबंध लगाना ही होगा। दूसरे दलों के कुछ अन्य सदस्यों ने उनका साथ दिया।
राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इस गोलीकांड पर भारी दु:ख जताते हुए मारे गए बच्चों के परिवारों के प्रति संवेदना तो व्यक्त की, लेकिन उन्होंने इस घटना को एक मानसिक रोग से जोड़ते हुए हथियारों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। ट्रम्प के चुनाव अभियान के दौरान नेशनल राइफल एसोसिएशन ने उनका समर्थन किया था। इसके बाद अमेरिका में सर्वशक्तिशाली राइफल एसोसिएशन के सदस्य और आग्नेय अस्त्र-शस्त्र निर्माता इतने आश्वस्त हो गए कि वे जब जैसे चाहें, स्वचालित राइफल की बिक्री कर सकते थे। हालांकि फ्लोरिडा गोलीकांड के बाद राइफल एसोसिएशन के पदाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। बंदूक संस्कृति के समर्थक तो यहां तक कहते हैं कि ओबामा के कार्यकाल में जब-जब गोलीकांड की घटनाएं होती थीं, आग्नेय हथियारों की इस भय के साथ बिक्री बढ़ जाती थी कि कहीं इस पर प्रतिबंध ही न लग जाए। दिसंबर, 2012 में सैंडी हुक स्कूल (कनेक्टीकट) में एक सिरफिरे मानसिक रोगी ने 20 बच्चों और अपनी मां सहित 26 लोगों की स्वचालित राइफल से हत्या कर दी थी। इसी तरह तीन साल बाद कैलिफोर्निया के सैन बरनार्डिनो में क्रिसमस की पार्टी में गोलीकांड के बाद आग्नेय हथियारों की बिक्री में क्रमश: 44 और 39 प्रतिशत की वृद्धि हो गई थी। इसके विपरीत ट्रम्प प्रशासन में पिछले साल टेक्सास चर्च और अक्तूबर में लॉस वेगास में नरसंहार के बावजूद हथियारों की बिक्री में 13 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
गैलप रिसर्च की बात मानें तो 42 प्रतिशत अमेरिकियों ने कहा था कि उनके पास घर में हथियार हैं। अमेरिका की 33 करोड़ की आबादी में 26 करोड़ 50 लाख आग्नेयास्त्र लोगों के पास में हैं। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि तीन प्रतिशत लोगों के पास स्वचालित और आधुनिक हथियार हैं। पिछले साल ही 56 करोड़ 60 लाख डॉलर के हथियारों की बिक्री हुई थी। इसके बावजूद एफबीआई ने कहा है कि बिक्री की नजर से 2017 का वर्ष सबसे खराब रहा।
उधर फ्लोरिडा घटना के अभियुक्त 19 वर्षीय निकोलस क्रूज ने ब्रोवार्ड काउंटी अदालत में सेमीस्वचालित राइफल से 17 बच्चों की हत्या का अपराध स्वीकार कर लिया। उसकी अटार्नी ने बताया है कि वह एक साल पूर्व मां के निधन से मानसिक रोग से ग्रस्त था और एक परिचित परिवार के साथ अपनी राइफल के साथ रह रहा था। उत्तरी फ्लोरिडा में ही सुपरमेसिसिट जर्डन जरब ने एफबीआई को बताया है कि निकोलस क्रूज उनके संगठन में भर्ती तो हुआ था, पर उसके आगे के जीवन के बारे में जानकारी नहीं है। उसने एक बार यू ट्यूब पर स्कूल में कत्लेआम किए जाने की बात लिखी थी। पर तब किसी को भी निकोलस क्रूज के बारे में पता नहीं था। कोई कुछ भी कहे, एक बात तो तय है कि अमेरिका में हथियारों की होड़ निर्दोषों का संहार कर रही है। इस पर रोक लगाने की जरूरत है। ल्ल
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