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अंक संदर्भ : 27 जुलाई, 2014
आवरण कथा 'कट्टर सोच की अंधेरी गुफा' से प्रतीत होता है कि इराक में चल रहा जिहादी युद्ध पूरी इंसानियत के खिलाफ है। मुसलमान का जो शाब्दिक अर्थ मुसल्लम-इस्लाम हुआ करता था वह अब नहीं रहा। पश्चिम एशिया में इस्लाम का तांडव पूरा विश्व देख रहा है। मजहबी आतंकी इस्लाम के नाम पर पूरी मानवता को शर्मशार कर रहे हैं। अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो सम्पूर्ण विश्व को इसके विनाशकारी परिणाम भुगतने होंगे।
—पंकज शुक्ला, खदरा,लखनऊ (उ.प्र.)
आकर्षक पाञ्चजन्य
पाञ्चजन्य जब से पत्रिका स्वरूप में हुआ है, तब से यह अत्यधिक आकर्षक हो गया है। अनेक भिन्न-भिन्न खोजपरक समाचारों ने इसके आकर्षण को बढ़ाया है।
—बाबूलाल शर्मा, संगम कालोनी,भीलवाड़ा (राज.)
उ.प्र. सरकार की धूर्तता
उत्तर प्रदेश सरकार शुरू से ही हिन्दुओं पर अत्याचार कर रही है और हमेशा से ही तुष्टीकरण की राजनीति के तहत अल्पसंख्यकों को उसने बढ़ावा दिया है। रमजान के शुरुआत के समय मुरादाबाद जिले के कांठ गांव में मंदिर पर लगे लाउडस्पीकर को पुलिस द्वारा जबरन हटाना यह बताता है कि सपा वोटों की राजनीति के लिए प्रदेश में मुसलमानों को बढ़ावा देकर हिन्दुओं का दमन करने पर उतारू है। सवाल यह है कि मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर अगर मुसलमानों के त्योहार में व्यवधान डालते हैं तो उसी के विपरीत हिन्दुओं के त्योहार आने पर मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर व्यवधान नहीं डालते ? सपा सरकार इस प्रकार की राजनीति करके प्रदेश में साम्प्रदायिकता फैलाना चाहती है ताकि इसकी आड़ में वह राजनीतिक रोटियां सेंक सके। —रूप सिंह, चित्तौड़गढ़ (राज.)
समाजसेवा के नाम पर पाखंड
कुछ एनजीओ जो समाजसेवा के नाम पर देश की जनता को मूर्ख बनाते हैं और उसकी आड़ में देश विरोधी कार्य को अंजाम देते हैं। देश में समाजसेवा के नाम पर व्यापार करने वाले एनजीओ मालिकों को गुजरात के दंगे तो नजर आते हैं,लेकिन 1984 और 1990 में हुए दंगे नजर नहीं आते,ऐसा क्यों? अपने को आमजनता का मसीहा कहने वाली अरुन्धती राय आलीशान बंगले में रहती हैं और जनता को अपने लोभ के लिए लड़ाती रहती हैं। देश की जनता को ऐसे व्यापारियों को समझना होगा और इनसे सावधान रहना होगा। इनका सत्य ये है कि यह अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
—बी.एल.सचदेवा, 263 आईएनए बाजार (नई दिल्ली)
सेकुलरवादियों का सच
पाञ्चजन्य के 13 जुलाई के सम्पादकीय (वादा है उसने चांद का) अत्यधिक अच्छा लगा। आज हमारे देश में अल्पसंख्यक मलेरिया के जीवाणु की तरह दिनों-दिन बढ़ रहे हैं। इनके दिनो-दिन बढ़ने का परिणाम यह है कि सेकुलर नेता वोट बैंक के लिए इनके चक्कर लगाना प्रारम्भ कर देते हैं और हिन्दू समाज को उपेक्षित कर देते हैं। असल में हिन्दू समाज की फूट का ही परिणाम है कि आज तक कश्मीर के हिन्दू अपने घरों में नहीं बस पाएं हैं,जबकि मुसलमान वहां चैन से रहते हैं। इस बात पर सेकुलर नेताओं की हमदर्दी हवा-हवाई हो जाती है। क्या उन्हें कश्मीर के हिन्दू नहीं दिखाई देते? या उनकी समस्यायें नहीं दिखाई देतीं?
—गोपाल कृष्ण पंड्या, नागदा-उज्जैन(म.प्र.)
भारत का गौरव
नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में भारत के गौरव को बढ़ाया है। मोदी जी की छाप के ही चलते सभी ब्रिक्स देश भारत की जी-हुजूरी में लगे थे। यह पहली बार हुआ है जब भारत को ब्रिक्स में इतनी महत्ता मिली है।
—ओम वाजपेयी, कृष्ण विहार,ठाठीपुर,ग्वालियर(म.प्र.)
समान कानून लागू हों!
मेरा केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से निवेदन है कि आज देश को समान कानून की जरूरत है। सभी के लिए समान कानून लागू होने से कोई भी भेदभाव नहीं होगा। साथ ही अपने देश की शिक्षा व्यवस्था को पुन: उसका जो रूप था देना होगा। क्योंकि कांग्रेस के शासनकाल में उसके द्वारा समाज के ऊपर पाश्चात्य सभ्यता को थोपा गया,जिसका परिणाम हम सभी लोग देख ही रहे हैं। समाज पूरी तरह से विकृत हो गया है। जल्द ही इस शिक्षा व्यवस्था को बदलना होगा। जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 को भी तत्काल हटाना होगा,जिससे अन्य प्रदेशों की भांति उसका भी समुचित विकास हो सके।
—राजकुमार पाण्डेय, रामकृष्णपुरम् (नई दिल्ली)
परिवारवाद का परिणाम
कांग्रेस आज जो भी भुगत रही है उसमें स्वयं उसका ही दोष है। उसने पार्टी में परिवारवाद को बढ़ावा दिया। कर्मठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की। इसी का परिणाम आज कांग्रेस के सामने है। उसे लोकसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक हार से सबक लेना चाहिए कि पार्टी को परिवारवाद की जरूरत है या फिर कर्मठ कार्यकर्ताओं की? पार्टी के अंदर लोकतंत्र मजबूत हो एवं भेदभाव रहित चुनाव प्रक्रिया हो। साथ ही वर्षों से कांग्रेस पर जो एक ही परिवार का एकछत्र राज चलता आया है वह समाप्त हो। तभी पार्टी का कल्याण होगा, नहीं तो अभी तो केवल यह दर्द है,वह दिन दूर नहीं जब यह नासूर बन जायेगा। —डॉ.संजय सिंहल, रेलवे रोड,अलीगढ़ (उ.प्र.)
भारतीयता की नब्ज पर हाथ
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश ए.के.दवे ने श्रीमद्भगवद् गीता और महाभारत के संदर्भ में जो बात कही है वह स्पष्ट करती है कि ये धर्म ग्रन्थ हमारे समाज के लिए एक पथ प्रदर्शक हैं और हमें अच्छे और बुरे का भान कराते हैं। उनका बयान सम्पूर्ण देश के लिए प्रेरणास्रोत है और इसे प्रत्येक व्यक्ति को पढ़ना और समझना चाहिए। यह तो भारत का सौभाग्य है कि उसके पास ऐसे सद्ग्रन्थों का खजाना है लेकिन दुर्भाग्य इसे कहा जाये कि आज तक हम मत-पंथों के चलते उन ग्रन्थों को नकारते आए हैं। असल में यह हमारे समाज की तुच्छ मानसिकता को बताता है।
— अरुण मित्र, रामनगर(दिल्ली)
राजनीतिक दलों की असलियत
समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बसपा एवं अन्य पार्टियां पश्चिम एशिया के हालात पर देश की संसद को दंगल बना देते हैं और वहाबी इस्लाम का कहीं न कहीं पक्ष लेते हैं। लेकिन ठीक इसके विपरीत ये पार्टियां अपने गिरेवां में नहीं झंाकती। सपा जो उ.प्र. में फैली अराजकता को दूर करना तो दूर की बात और उसको बढ़ाने का कार्य करती है। वहीं कांग्रेस नक्सलवादी इलाकों में नक्सलवादियों की मदद करती है और उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती। उसको डर होता है कि अगर इनके खिलाफ कुछ किया तो वोट बैंक खिसक जायेगा। ये सेकुलर पार्टियां अपने राज्यों में फैली अराजकता को तो सुधार नहीं पा रही हैं,चले हैं विश्व की चिंता करने।
—प्रफुल्ल कुमार देव, प्रगति विहार,जाजपुर(ओडिशा)
आम आदमी की जीत
आजादी के बाद से किसी गैर कांग्रेसी दल को लोकसभा में स्पष्ट बहुमत मिला है। इस जीत का आकलन किया जाय तो स्पष्ट होता है कि इस ऐतिहासिक जीत के पीछे देश की वह जनता है जिसने सभी बंधनों और लालचों से ऊपर उठकर देश हित को सर्वोच्च स्थान पर रखा। असल में यह जीत आम जनता की जीत है।
—वेदप्रकाश लाम्बा, रामपु़रा, यमुनानगर (हरियाणा)
कम्प्यूटर के क्षेत्र में जरूरत
आज देव नागरी लिपि ने कम्प्यूटर के क्षेत्र में रोमन लिपि के एकाधिकार को तोड़ दिया है। देश की ही अनेक कंपनियों में देवनागरी लिपि में अनेक साफ्टवेयर निर्मित किए गए हैं। राष्ट्रभाषा, राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान की तरह राष्ट्रलिपि भी हमारी राष्ट्रीय आवश्यकता है। हमें उसके प्रति आत्मसम्मान और गौरव का भाव रखना होगा।
—गौरी शंकर वैश्य,आदिल नगर,लखनऊ(उ.प्र.)
जनहित का विषय
हाल ही में भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि देश के प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति का बैंक में खाता अवश्य खुलेगा। निर्णय तो अच्छा है,पर बैंकों की हालत खस्ता है इस भार को सहन नहीं कर पाएंगें। बैंकों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह उनके लिए एक नई समस्या होगी। देश की 60 फीसदी से ज्यादा जनता बैंक के घुमावदार दावांे से परिचित नहीं है। जिससे उनके लिए यह और समस्या बन जायेगी। सरकार को चाहिए कि इस योजना से पहले बैंकों में कर्मचारियों की अधिक से अधिक भर्ती करें ताकि बैंकों में आसानी से कार्य हो।
—श्रीराम वर्मा, गणेशपुरा,त्रिनगर(दिल्ली)
क्या कोई हज यात्रा करने वाले को जला सकता है?
एक बड़ी बात है कि 100 करोड़ हिन्दुओं के देश में उनके आराध्य देव की पवित्र यात्रा में उन पर हमले होते हैं,यात्रा को प्रतिबंधित किया जाता है,उन पर बम और गोलियां बरसाई जाती हैं, लेकिन सवाल है कि क्या मुस्लिम बहुल सऊदी अरब में कोई हज यात्रा करने वाले को जला सकता है,उन पर गोलियां और बमों की बौछार कर सकता है? पर भारत में श्री अमरनाथ के यात्रियों के साथ ऐसा सब कुछ हो सकता है। हाल ही में लंगर लगाने वालों द्वारा भोले के भक्तों के ऊपर स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में हुआ हमला यह बताता है कि इसके पीछे एक षड्यंत्र है और जम्मू-कश्मीर सरकार की बेरुखी का नतीजा। अब केन्द्र सरकार को चाहिए कि आगे से अमरनाथ यात्रा को सेना की निगरानी में चलाये और इसमें स्थानीय प्रशासन का बिल्कुल भी दखल नहीं होना चाहिए। 17 जुलाई को हुई इस घटना हेतु न्यायालय की देखरेख में जांच कमेटी बनाई जाये ताकि दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो सके। —तरुण चुघ,कटड़ा मोती राम,अमृतसर(पंजाब)
नारी को स्वयं
जागना होगा!
भारतीय संस्कृति में नारी को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। लेकिन फिर भी आज सम्पूर्ण देश के स्थान-स्थान से नारी जाति की आती चीखें यह बताती हैं कि आज उसकी अस्मिता खतरे में है। जो समाज कभी महिलाओं को पूजता था आज वही उसका दुुश्मन बन बैठा है। सवाल है कि इस विकृत मानसिकता के पीछे कौन है? अगर अपनी गरिमा बनाए रखनी है तो हमारी बहनों को स्वयं के अंदर सोई ही शक्ति को जाग्रत करना होगा। देशभर में हो रही बलात्कार की घटनाएं, भारतीय समाज के लिए एक कलंक हैं। महिलाओं को अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए स्वयं खड़ा होना होगा। साथ ही जागरूक होकर सरकार,पुलिस, प्रशासन का सहयोग भी लेना पड़े तो लेना होगा। इस विकृत समाज की हालत ये हो चुकी है कि देश के किसी भी राज्य या जिले में नारी सुरक्षित नहीं है। चाहे वह गांव हो अथवा शहर। हर कहीं उसका शोषण हो रहा है। हर मां अपनी बेटी के लिए चिंतित है। समाज की इसी मानसिकता को परिवर्तित करने के लिए समाज की सभी महिलाओं को संगठित होकर कार्य करना होगा, तभी नारी को इस रुग्ण समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
-जयंती सिंह लोधी, एच.1.जी-राजीव नगर,शिवाजी वार्ड,सागर-470001(म.प्र.)
मित्र को गले लगाया
दिया देश नेपाल को, हिट होने का मंत्र
मोदी का चिंतन बड़ा, अद्भुत उनका तंत्र।
अद्भुत उनका तंत्र, मित्र को गले लगाया
जो भी थी कड़वाहट उसको दूर हटाया।
है 'प्रशांत' जो सबसे ज्यादा निकट पड़ोसी
गया चीन की गोदी में, हम ही हैं दोषी॥
-प्रशांत
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