उजड़े परिवारों को बसाने में मदद करें देशवासी
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रायपुर में 'असम हिंसा' पर प्रबुद्ध नागरिक संगोष्ठी
–डा. कृष्णगोपाल, सह सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
गत 3 सितंबर को रायपुर में संपन्न हुई प्रबुद्ध नागरिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डा. कृष्णगोपाल ने कहा कि लगभग 23 साल पहले देश में घुसपैठ रोकने के लिये केन्द्र सरकार ने जो आई.एम.डी.टी. कानून बनाया था वह नाकाम साबित हुआ। बंगलादेश से घुसपैठियों का अभी भी आना जारी है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में हिन्दू कम होते गये, वह हिस्सा देश से कट गया और यही हालात अब असम में पैदा हो गये हैं इसलिए असमवासियों की मदद करने तथा बंगलादेशियों के खिलाफ खड़ा होने की आवश्यकता है।
डा. कृष्णगोपाल ने कहा कि घुसपैठियों को रोकने के लिये केन्द्र सरकार ने 1983 में आई.एम.डी.टी. कानून बनाया जिसका उद्देश्य घुसपैठियों को खदेड़ना था मगर वोट बैंक की राजनीति के चलते इसे प्रभावी ही नहीं होने दिया गया, बल्कि कहीं-कहीं पर यह घुसपैठियों की मदद करते दिखा। 23 सालों तक यह कानून रहा मगर आश्चर्य है कि मात्र 1481 घुसपैठिये ही खदेड़े जा सके। डा. कृष्णगोपाल ने आश्चर्य जताया कि पूर्वोत्तर के स्थायी निवासी अपनी खेती, मकान और जन-धन को बचाने में लगे हुए हैं, खासतौर पर बोडो जनजाति के लोग लेकिन बंगलादेशी घुसपैठियों ने न सिर्फ असम, बल्कि देशभर में कब्जा जमा लिया है। असम दंगे ऐसी ही परिस्थितियों की देन हैं।
डा. कृष्णगोपाल ने आगे कहा कि असम की कम आबादी और वहां की उपजाऊ जमीन के कारण बंगलादेशी घुसपैठ करते हैं और फिर वहीं के निवासी हो जाते हैं। खासतौर पर बंगलादेशी मुसलमान घुसपैठिए, जो यहां पर तस्करी, हत्या, लूटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। बंगलादेशी राष्ट्रीयता के लिये खतरा हैं तथा चिन्हित कर इनके खिलाफ रपट लिखानी चाहिए। इसमें बुद्धिजीवी वर्ग की भूमिका भी वातावरण तैयार करने में होनी चाहिए।
सह सरकार्यवाह ने असम में संघ के सेवा कार्यों की जानकारी देते हुए लोगों से अपील की कि असम में दो हजार से ज्यादा परिवार उजाड़ दिये गये हैं जिन्हें पुन: बसाने के लिये देश की मदद की जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन श्री धीरेन्द्र नशी ने किया। शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर प्रांत संघचालक श्री बिसराराम यादव, प्रांत प्रचारक श्री दीपक विस्पुते विशेष रूप से उपस्थित थे।
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