|
यहां तैयार होते हैं वेदज्ञसमारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए श्री अशोक सिंहल।उनकी दाईं ओर बैठे हैं स्वामी भास्करानन्द जी, स्वामी प्रभुदास जीमहाराज एवं अन्य सन्तगण।पूर्वी दिल्ली के नन्द नगरी क्षेत्र में एक स्थान है मण्डोली। यहां बद्रीभगत वेद विद्यालय लगभग दो साल से वेदों की शिक्षा दे रहा है। इसका संचालन बद्रीभगत झण्डेवाला मन्दिर समिति करती है। यहां पूर्वोत्तर राज्यों के 11, दिल्ली और हरियाणा के 6-6, बिहार और नेपाल के 2-2 और उत्तर प्रदेश के 13 वेदपाठी हैं। तीन आचार्यों के माध्यम से उन्हें वेदों की नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है। वेदपाठियों को दी जाने वाली अन्य सुविधाएं भी नि:शुल्क हैं।समिति के मंत्री श्री रमेश गुप्ता “अनिल” के अनुसार इस विद्यालय का मुख्य उद्देश्य है वेद ज्ञाताओं का निर्माण करना, ताकि वेदों का प्रचार-प्रसार हो सके। पहले यहां केवल सामवेद की शिक्षा दी जाती थी, किन्तु अब यहां चारों वेदों की शिक्षा दी जाने लगी है।गत 3 सितम्बर को विद्यालय प्रांगण में आयोजित एक समारोह में चतुर्वेद शिक्षण सत्र का प्रारम्भ दूधाधारी आश्रम (हरिद्वार) के पूज्य संत स्वामी प्रभुदास जी महाराज ने किया।इस अवसर पर गंगेश्वरधाम के स्वामी भास्करानन्द जी, विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष श्री अशोक सिंहल, पूर्व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी, झण्डेवाला मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री प्रेम कुमार सहित अनेक गण्यमान्यजन उपस्थित थे। प्रतिनिधि5
टिप्पणियाँ